भारत के गुजरात में खोजा गया 'वासुकी' नाग या कोलंबिया का टाइटेनोबोआ,

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भारत के गुजरात में खोजा गया 'वासुकी' नाग या कोलंबिया का टाइटेनोबोआ,

बोगोटा: पृथ्वी पर जीवन करीब 4.543 अरब वर्ष पुराना है। पृथ्वी पर जीवन के आने के बाद से कई तरह के जीव यहां पैदा और विलुप्त हुए है। पृथ्वी से विलुप्त हुए जानवरों का आकार लंबे समय से बहस का विषय रहा है। दूसरे तमाम जीवों के अलावा सांपों को लेकर भी अलग-अलग समय पर रिसर्च सामने आती रही हैं। ये बताती हैं कि एक समय समय धरती पर ऐसे सांप रहे हैं, जिनका वजन एक टन से ज्यादा था। खासतौर से वासुकी इंडिकस और टाइटेनोबोआ के बीच ये टक्कर मानी जाती है कि इनमें से कौन पृथ्वी पर रहा सबसे बड़ा सांप था।


58-60 मिलियन वर्ष पहले पेलियोसीन युग के दौरान कोलंबिया के दलदली पारिस्थितिक तंत्र में रहने वाले टाइटेनोबोआ सेरेजोनेंसिस को प्रागैतिहासिक इतिहास का सबसे बड़ा सांप माना जाता है। इसके अलावा 47 मिलियन वर्ष पुराने मध्य इओसीन युग के दौरान वासुकी इंडिकस नाम के विशाल सांप की प्रजाति भी भारत के गुजरात में खोजी गई। ये दोनों अब तक खोजे गए सबसे बड़े सांप हैं।

आज के बड़े वाहनों से बड़े सांप

टाइटेनोबोआ सेरेजोनेंसिस को प्रागैतिहासिक इतिहास का सबसे बड़ा सांप माना जाता है। साल 2009 में सेरेजोन कोयला खदानों में इसके जीवाश्म की खोज की गई थी। इसके जीवाश्म कशेरुकाओं को शुरू में मगरमच्छ का समझा गया था। बाद में शोधकर्ताओं ने पुष्टि की कि यह एक विशाल सांप था, जो 15 मीटर (करीब 50 फीट) तक फैला हुआ था और इसका वजन 1.25 टन था।

इससे पहले 2005 में विज्ञानियों ने गुजरात में पनाध्रो लिग्नाइट खदान में 27 विशाल कशेरुकाओं की खोज की थी। इसे भी मगरमच्छ मानकर रिसर्च शुरू की गई। नौ वर्ष के विश्लेषण के बाद वैज्ञानिकों ने पुष्टि हुई कि ये अवशेष एक विशाल सांप की नई प्रजाति के थे। इसका नाम हिंदू पौराणिक कथाओं के सर्प के नाम पर वासुकी इंडिकस रखा गया। वासुकी 15 मीटर तक लंबा हो सकता है और इसका वजन 1 टन था।


टाइटेनोबोआ और वासुकी इंडिकस

टाइटेनोबोआ और वासुकी, दोनों सांपों की लंबाई करीब 15 मीटर तक हो सकती है। हालांकि वजन के मामले में टाइटेनोबोआ बाजी मारता है, उसका वजन 1.25 टन तक था, जबकि वासुकी का वजन 1 टन था। इसे टाइटनोबोआ वजन और आकार के मामले में सबसे बड़ा सांप बन गया। ये सांप कभी पृथ्वी पर घूमते थे, जो आकार में आज के समय के बड़े-बड़े वाहनों से भी बड़े थे।


टाइटेनोबोआ और वासुकी इंडिकस दोनों सांप विकास के शिखर का प्रतिनिधित्व करते हैं। टाइटेनोबोआ अब तक का सबसे भारी सांप बना हुआ है, जिसमें किसी भी आधुनिक सांप की तुलना में मोटे कशेरुका हैं। टाइटनोबोआ बोइडे परिवार से संबंधित था, जिसमें आधुनिक बोआ और एनाकोंडा शामिल हैं। यह वंश गैर-विषै सांपों के लिए जाना जाता है जो दम घोटकर शिकार को मारते हैं।


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