किसके 'दिमाग की बत्ती' तेज, AI या इंसान?


विज्ञान 02 August 2025
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किसके 'दिमाग की बत्ती' तेज, AI या इंसान?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कई मामलों में इंसानों को पीछे छोड़ रहा है, रीप्लेस कर रहा है। दफ्तर में कर्मचारियों से लेकर स्कूल में टीचर्स तक को AI ने रिप्लेस करना शुरू कर दिया है। हालांकि, एक हालिया रिसर्च में ये बात सामने आई थी कि AI इंसानों से बेहतर जोक्स नहीं मार सकता। अब एक और रिसर्च हुई है, जिसमें ये बताया गया है कि इंसान ज्यादा क्रिएटिव हैं या AI? इस रिसर्च का नतीजा जानकर आपकी सांस में सांस आएगी, 'अहं ब्रह्मास्मि' जैसी फीलिंग भी आएगी, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुकाबले में इंसान ज्यादा रचनात्मक पाया गया है। 

क्रिएटिविटी के मामले इंसान अब भी आगे

द जर्नल ऑफ क्रिएटिव बिहेवियर में प्रकाशित हुई एक स्टडी की मानें तो दो लोग मिलकर ब्रेन स्टॉर्मिंग करते हैं, तो वे उन लोगों से बेहतर क्रिएटिव आइडिया दे सकते हैं, जो AI का इस्तेमाल करते हैं। University Institute of Schaffhausen के मिन टैंग की लीडरशिप में शोध हुआ। इसमें यह बात साफ हो गई है कि भले ही ChatGPT जैसी AI तकनीक आ गई हो लेकिन क्रिएटिविटी के मामले में यह अभी तक इंसान को नहीं पछाड़ पाई है।

ऐसे निकाला गया नतीजा

दरअसल, इस रिसर्च को करने के लिए कुछ ग्रुप बनाए गए थे। एक ग्रुप में सिर्फ इंसान, दूसरे ग्रुप में इंसान और इंटरनेट और तीसरे ग्रुप में इंसान और AI शामिल थे। इन सबको कुछ क्रिएटिव टास्क दिए गए। जैसे- कांटे वाली चम्मच (Fork) के अन्य इस्तेमाल क्या हो सकते हैं, पैंट का पहनने के अलावा और क्या उपयोग हो सकता है। इन ग्रुप्स ने अलग-अलग ब्रेन स्टॉर्मिंग की, जिसके बाद नतीजे सामने आए।

इंसान दे पाए गजब के क्रिएटिव आइडिया

रिसर्च में पाया गया कि जिस ग्रुप में सिर्फ इंसान थे, उसने सबसे ज्यादा क्रिएटिव आइडियाज दिए। बाकी दो ग्रुप के आइडियाज करीब-करीब एक जैसे ही थे। यानी जो आइडिया गूगल पर हैं, लगभग वही आइडिया ChatGPT ने भी दिए, इसलिए इनमें कुछ खास अंतर नहीं था। बहरहाल, ये साबित हो गया कि इंसान के दिमाग की बत्ती ज्यादा तेज जलती है।

AI को ज्यादा आंक रहे हैं लोग

रिसर्च में यह भी देखने को मिला कि इंसानों वाले ग्रुप में एक इंसान, दूसरे इंसान को बराबर का मददगार समझ रहा था। जबकि जिन इंसानों की जोड़ियां गूगल के साथ थीं, वे खुद को ही मैन रोल में देख रहे थे। जबकि तीसरा ग्रुप, जिसमें AI और इंसान थे, वहां इंसानों ने AI को ज्यादा आंका। इसलिए यह भी पता लगता है कि इंसान गूगल से ज्यादा भरोसा अब AI पर कर रहा है।

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