कोरिया शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, बैकुण्ठपुर में आज आयोजित कार्यशाला में डॉ. मन्दिरा मित्रा (चक्रवर्ती), प्रमुख, अंग्रेजी विभाग, टाकी गवर्नमेंट कॉलेज, उत्तर 24 परगना ने ‘सामाजिक संदर्भ में चिकित्सा मानविकी के उभरते आयाम‘ विषय पर छात्रों को संबोधित किया।
डॉ. मित्रा ने कहा कि चिकित्सा मानविकी एक अंतःविषय क्षेत्र है जो साहित्य, दर्शन, कला, इतिहास, नैतिकता और सामाजिक विज्ञान को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल से जोड़ता है। इसका उद्देश्य डॉक्टरों को केवल रोगी का चिकित्सक न बनाकर समग्र, सहानुभूतिपूर्ण और सामाजिक रूप से जागरूक स्वास्थ्य पेशेवर बनाना है। उन्होंने बताया कि रोगियों की भावनाओं और अनुभवों को समझना, चिकित्सक-रोगी संवाद को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य को केवल जैविक दृष्टिकोण से न देखकर सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में देखना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रही जिले की कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि आज मानसिक अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसका समाधान केवल चिकित्सा उपचार नहीं बल्कि सतत संवाद, रोगियों की भावनाओं को समझना और सामाजिक समर्थन से भी संभव है। उन्होंने महाविद्यालय परिवार को इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के आयोजन पर बधाई दी और कहा कि सामाजिक और पारिवारिक परिवेश में सकारात्मक बदलाव से इन घटनाओं को रोका जा सकता है। श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि बदलते जीवनशैली, खानपान और सामाजिक परिवेश ने आम इंसानो को प्रभावित किया है। हमें हर हाल में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए, अच्छी पुस्तकें पढ़ना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, कभी हार, कभी जीत होती है, लेकिन हर हाल में हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए।
कार्यशाला में डॉ. मित्रा ने मानवीय स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिनमें रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण, सामाजिक विज्ञान का एकीकरण, डिजिटल और रचनात्मक माध्यमों का उपयोग, नैतिकता और सामुदायिक सहभागिता शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर भी चिकित्सा मानविकी के माध्यम से डॉक्टर और रोगियों के बीच बेहतर संवाद और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कार्यशाला में छात्रों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और इसे मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा गया। इस आवास पर कॉलेज की प्राचार्य और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।