रायपुर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़े एक मामले में चार और आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया है. इस मामले में अब तक सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है.
बुधवार को जारी एक बयान में NIA ने कहा कि चार आरोपियों के खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र में तीन आरोपियों की पहचान सुनीता पोटाम, शंकर मुचाकी और दशरथ उर्फ दसरू मोडियम के रूप में हुई है. ये सभी भाकपा (माओवादी) के एक प्रमुख संगठन, मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) के पदाधिकारी थे और पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.आरोपपत्र में नामित चौथा आरोपी, मल्लेश कुंजम, एक सशस्त्र माओवादी कैडर था और अभी भी फरार है.
राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत एमबीएम पर प्रतिबंध लगा दिया था. एनआईए ने कहा कि आरोपपत्र में नामित सभी चार आरोपी माओवादियों के लिए धन संग्रह, भंडारण और वितरण जैसी गतिविधियों में शामिल थे.
भाकपा (माओवादी) ने इन निधियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार और राज्य में चल रही विकास गतिविधियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किया. इसमें कहा गया है कि इन अवैध निधियों को एमबीएम जैसे प्रमुख संगठनों के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा था.इस मामले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि फरार मल्लेश सहित सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
साल 2023 से जड़े मामले में कार्रवाई: मई 2023 में, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला पुलिस ने एमबीएम के दोनों सक्रिय कार्यकर्ताओं गजेंद्र माडवी और लक्ष्मण कुंजम को गिरफ्तार किया और नक्सलियों के 2000 रुपये के बंद हो चुके नोटों में 6 लाख रुपये जब्त किए.बयान में कहा गया है कि वे भाकपा (माओवादी) नेताओं के कहने पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि जमा करने जा रहे थे, तभी उन्हें पकड़ लिया गया.बाद में, बीजापुर पुलिस ने नवंबर 2023 में माडवी और कुंजम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया.
फरवरी 2024 में मामले की जाँच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने इस साल अगस्त में पहला पूरक आरोपपत्र दायर किया .माडवी और कुंजम के खिलाफ नए आरोप दायर किए गए. एक अन्य गिरफ्तार आरोपी, रघु मिदियामी पर भी आरोप लगाए गए.एनआईए ने कहा कि मामले में जाँच जारी है.